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डी०आर०डी०ए०

जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, सिमडेगा।

जिला ग्रामीण विकास अभिकरण की शुरूआत 1 अप्रैल 1999 को किया गया था। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण राज्य में ग्रामीण लोगों के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन करके सामाजिक आर्थिक विकास में एक प्रमुख भुमिका निभाता है विशेषकर केन्द्र प्रायोजित योजनाओं को लागू करना विभाग की जिम्मेवारी है। प्रभावी ढंग से जनादेश का पालन करने के लिए विभाग विभिन्न योजनाओं के तहत धन जारी करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय, योजना आयोग, राज्य वित्त और योजना विभागों में भारत सरकार के साथ नियमित समन्वय रखता है जिला स्तर पर ब्लाॅक एजेंसियों और क्रियान्वयन किया जाता है। पंचायती राज संस्थानों को क्षेत्रीय स्तर पर योजनाओं का समन्वय व निगरानी में पूरी तरह शामिल किया गया है। डी०आर०डी०ए० की अध्यक्ष्ता उपायुक्त -सह- मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा की जाती है। तकनीकी सहायता और पर्यवेक्षक पंचायती राज विभाग के द्वारा प्रदान की जाती है।
विभाग समय-समय पर मासिक अर्धवार्षिक व वार्षिक रिपोर्टो के माध्यम से योजनाओं की प्रगति की निगरानी करता है। इसके अतिरिक्त जिला स्तर पर योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए उपायुक्तों और डीआरडीए के प्रतिनिधियों के साथ नियमित रूप से बैंठके आयोजित की जाती है।
प्रखण्ड स्तर पर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं अन्य कर्मचारी भी योजनाओं को लागू करने में मदद करते है। पंचायती राज विभाग, ग्राम पंचायत,पंचायत समिति, जिला परिषद् और ग्राम सभा द्वारा मनरेगा, प्रधामंत्री आवाास योजना ग्रामीण, बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर आवास योजना, प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना, आदर्श ग्राम योजना, आईडब्ल्यूएमपी, रूर्बण मिशन जैसे विकास कार्यक्रम की योजनाएं तैयार करने और इनके क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण द्वारा ग्रामीण गरीब परिवारों के आर्थिक सामाजिक विकास हेतु महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है। उनके आर्थिक विकास हेतु मनरेगा जैसी महत्वकांक्षी योजनाओं का संचालन किया जाता है जिसके तहत एक परिवार को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अन्तर्गत आवास निर्माण हेतु सुयोग्य लाभुकों को 1,30,000.00 रूपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है।

 

जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, सिमडेगा द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए निम्नांकित योजनाएं क्रियान्वित किए जाते है:-

  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी अधिनियम (मनरेगा) :- इस अधिनियम की शुरूआत 7 सितम्बर 2005 को हुई थी इस अधिनियम के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र के अकुशल परिवारों के वस्यक सदस्यों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया जाता है।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पी0एम0ए0वाई0जी0) :- इस योजना के तहत् ग्रामीण क्षेत्र के सुयोग्य लाभुकों को आवास निर्माण हेतु 1,30000.00 रूपये की सहायता राशि दी जाती है।
  •  बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर आवास योजना :- इस योजना के तहत् ग्रामीण क्षेत्र के विधवा महिलाओं एवं प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों को आवास निर्माण हेतु 1,30000.00 रूपये की सहायता राशि दी जाती है।
  •  प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (पी0एम0ए0जी0वाई0) :- इस योजना के तहत् अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्र का चयन किया जाता है एवं बुनियादी सुविधा के आधार पर विकास किया जाता है।
  • आदर्श ग्राम योजना  :-  इस योजना के तहत चयनित ग्रामों का आधारभुत संरचना से संबंधित विकास ग्राम स्तर से लिए गए योजनाओं का अभिषरण के माध्यम से किया जाता है।
  •  समेकित जलछाजन प्रबंधन कार्यक्रम :-  समेकित जलछाजन प्रबंधन कार्यक्रम के तहत मृदा वनस्पति और जल जैसे अवक्रमित प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल, संरक्षण और विकास करके पारिस्थिक संतुलन को बहाल करना।
  •  रूर्बन मिशन :- मिशन क तहत स्थानीय स्तर पर आर्थिक विकास को नई गति प्रदान करने के साथ -साथ बुनियादी सेवाओं में बढोतरी और सुव्यवस्थित ग्रामीण क्लस्टरों का सृजन करके ग्रामीण क्लस्टरोें में व्यापक बदलाव लाना।